ट्यूब-लाइट (Tube-light) कैसे काम करती है ? – semquestions

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ट्यूब लाइट का आउटपुट20-40 watt
ट्यूब लाइट के पुर्जेTube | Choke | Starter | Holder
ट्यूबलाइट में भीतरी कोटिंगPhosphorus
ट्यूबलाइट के अंदर अक्रिय गैसArgon
Philips Astra Line plusPhilips Mirolate ProPhilips TwinglowPhilips Ujjwal
~Rs. 700
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~Rs. 1150
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~ Rs. 950
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~Rs.250
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24 watt 
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36 watt 
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20 watt
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20 watt 
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Cool day lightCool day lightCool White + Warm White
Cool day light
2400 lumen
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3600 lumen
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2000 lumen
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2000 lumen
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ट्यूब लाइट आकार में एलईडी लाइट की कीमत की तुलना।

ट्विंग्लो का कारण यह है कि गर्म सफेद रोशनी समान विशिष्टताओं वाली अन्य लाइटों की तुलना में महंगी है।

ट्यूब लाइट कैसे काम करती है?

ट्यूब लाइट में लो प्रेशर मरकरी वेपर होती है जिसकि मदद से ट्यूब लाइट में लाइट प्रोड्यूस होती है। जब इलेक्ट्रिक करंट ट्यूब लाइट से पास होता है तो वो पारा वाष्प को उत्तेजित करता है जिससे शॉर्ट वेव अल्ट्रावॉयलेट लाइट प्रोड्यूस होती है जो उसके बाद ट्यूबलाइट के अंदर फॉस्फोरस की मदद से फाइनल लाइट प्रोड्यूस करता है।

ट्यूब लाइट का आउटपुट कितना होता है?

जैसा की आपने ऊपर टेबल में देखा हमने कुछ विभीन ट्यूबलाइट्स का विवरण दिया हुआ है|

जिसे देख कर हम कह सकते हैं कि ट्यूबलाइट 20-40 watt तक के पावर की होती है, जिस्का आउटपुट 2000 से 3600 लुमेन तक होता है जो एक बड़े कमरे में लाइट करने के लिए काफ़ी होता है|

ट्यूबलाइट में कौन सी गैस भरी होती है?

एक फ्लोरोसेंट ट्यूबलाइट में ग्लास ट्यूब के अंदर आर्गन और पारा वाष्प की mixture गैस भरी जाति है|

डोनो एंड पे इलेक्ट्रोड्स अल्कलाइन अर्थ ऑक्साइड्स से कोटेड होते हैं जिससे की वो आसन से इलेक्ट्रान छोड़ दें। जब ये इलेक्ट्रॉन ट्यूब में गैस के माध्यम से प्रवाहित होते हैं, तो गैस ionise हो जाती है, और ultraviolet किरणों का उत्पादन या उत्सर्जन करती है।

ट्यूब लाइट के भाग क्या हैं?

ट्यूब लाइट बनाने के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री नीचे दी गई है।

PartFunction
Filamentइलेक्ट्रॉन उत्सर्जित करने के लिए.
फास्फोरस कोटिंगप्रकाश उत्सर्जन के लिए.
Mercuryप्रकाश उत्सर्जन और शक्ति संचालन।
End capअसेंबली को बरकरार रखने और गैस के रिसाव से बचने के लिए।
Glass stemफॉस्फोरस कोटिंग के लिए एयर टाइट कम्पार्टमेंट और सतह।
  • इलेक्ट्रोड के रूप में फिलामेंट कॉइल:
    • ट्यूब लाइट में इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित करने वाला तत्व।
  • फॉस्फोर लेपित ग्लास बल्ब:
    • ट्यूब के अंदर फॉस्फोरस कोटिंग महत्वपूर्ण है क्योंकि जब यूवी प्रकाश इस कोटिंग द्वारा अवशोषित होता है, तो इससे प्रकाश का उत्सर्जन होता है।
  • पारा वाष्प:
    • ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से ट्यूब लाइट के अंदर पारा का उपयोग किया जाता है:
      • प्रकाश उत्सर्जन: वैक्यूम या अक्रिय गैस प्रकाश उत्सर्जित नहीं करेगी, उत्तेजित पारा आयन पराबैंगनी प्रकाश छोड़ते हैं जो ट्यूब के अंदर मौजूद फॉस्फोरस कोटिंग द्वारा अवशोषित हो जाता है और दृश्य प्रकाश के उत्सर्जन की ओर जाता है।
      • विद्युत संचालन: वैक्यूम या सम्मिलित गैस एक छोर से दूसरे छोर तक विद्युत संचालन की अनुमति नहीं देगी, हालांकि पारा आयन एक छोर से दूसरे छोर तक विद्युत संचालन करते हैं,
  • अक्रिय गैसें (आर्गन):
    • इलेक्ट्रोड को क्षरण से बचाने के लिए और यह ऑक्सीजन को इलेक्ट्रोड को संक्षारित करने से रोककर करता है जिसके परिणामस्वरूप प्रकाश बल्ब का जीवन बढ़ जाता है।
  • End cap:
    • पूरी असेंबली को बरकरार रखने के लिए और अंदर मौजूद गैस जैसे आर्गन, पारा आदि को बाहर लीक होने से बचाने के लिए।
  • Glass stem:
    • एयर टाइट सील या कम्पार्टमेंट और सतह प्रदान करता है जिस पर फॉस्फोरस कोटिंग मौजूद है।
    • कांच के तने आम तौर पर सोडा-लाइम ग्लास से बने होते हैं, लेकिन कुछ उच्च तापमान लैंप में यह बोरोसिलिकेट ग्लास से भी बने होते हैं। 

सामान्य ट्यूबलाइट की तुलना में एलईडी लाइटें अधिक कुशल क्यों हैं?

कारणTubelight
Recyclabilityआसान नहीं – इसमें खतरनाक अपशिष्ट होता है|
क्षमताइस प्रक्रिया में गर्मी नष्ट हो जाती है, इसलिए 100% कुशल नहीं है।

फ्लोरोसेंट ट्यूब लाइट की तुलना में एलईडी लाइट का उपयोग करने के लिए पुनर्चक्रण और दक्षता दो प्राथमिक कारण हैं।

  • पुनर्चक्रण: फ्लोरोसेंट ट्यूबों में पारा होता है जो विषैला होता है और इसलिए इसका निपटान करना सीधा और आसान नहीं है। इसके बजाय इसके लिए विशेष डिस्पोजेबल तकनीकों की आवश्यकता होती है जो खतरनाक सामग्रियों के निपटान के लिए होती हैं।
  • दक्षता: फ्लोरोसेंट ट्यूब प्रकाश ऊर्जा का उत्पादन करते समय गर्मी पैदा करते हैं, इसलिए यह 100% कुशल नहीं है, क्योंकि प्रक्रिया के दौरान उत्पादित ऊर्जा का एक अंश (~15%) गर्मी ऊर्जा में परिवर्तित हो जाता है।

फ्लोरोसेंट ट्यूब गर्मी क्यों पैदा करते हैं?

फ्लोरोसेंट ट्यूबों में उत्पादित इलेक्ट्रॉन पारा परमाणुओं से टकराकर पराबैंगनी (यूवी) प्रकाश उत्पन्न करते हैं, जो फॉस्फोरस तत्व द्वारा अवशोषित होने पर प्रकाश का उत्पादन होता है।

इस प्रक्रिया के दौरान केवल 85% ऊर्जा प्रकाश में परिवर्तित होती है और शेष 15% ऊष्मा के रूप में नष्ट हो जाती है।

ट्यूब-लाइट (Tube-light) कैसे काम करती है ?

Parts of electric tube light.

ट्यूब लाइट में कौन से पार्ट होते हैं?

Tube Light Parts = TCS Holder
>> सभी भागों को याद करने का संक्षिप्त रूप i.e. T -> Tube, C -> Choke, S -> Starter and H -> Holder

ट्यूब लाइट में निम्नलिखित पार्ट्स होते हैं:

  • ट्यूब रॉड (tube rod)
  • स्टार्टर (starter)
  • चोक (choke)
  • 2 होल्डर (holders)

ट्यूब लाइट कैसे काम करती है?

ट्यूबलाइट (tube light) में चोक (choke) के द्वारा फेस (phase) दिया जाता है एवं शुरुआत में ट्यूबलाइट (tube light) में इलेक्ट्रॉन (electron) फ्लो के लिए स्टार्टर (starter) का अपयोग किया जाता है स्टार्टर शुरू में हैवी वोल्टेज (voltage) देता है|

जिस्से ट्यूबलाइट (tube light) में एक सिरे से दूसरे सिरे तक इलेक्ट्रॉन (electron) का प्रवाह बन जाता है फिर स्टार्टर का काम खतम हो जाता है।

इलेक्ट्रॉन एक छोर से दूसरे छोर तक गैस के मध्यम से जाता है, जिसकी वजह से रोशनी होती है।

Which light is best for home? | घर के लिए कौन सी रोशनी सबसे अच्छी है?

एलईडी लाइट्स आमतौर पर घरों के लिए अच्छी होती है क्योंकि उन्हें हम आराम से दीवारों पर या आपके घर की सीलिंग पे लगा सकते हैं, और उनका बिजली खपत भी कम होता है तो आपका बिजली का बिल भी कम आता है|

ट्यूब लाइट कैसे लगाते हैं या लगाने का तारिका?

ट्यूबलाइट लगाने के लिए नीचे दी गई चीजो की जरूरत होती है:
1)ट्यूबलाइट की पट्टी
2) स्टार्टर
3) चोक
4) तार (वाययर)
5) ट्यूबलाइट होल्डर
6) ट्यूबलाइट

ट्यूबलाइट की पट्टी में ऊपर दी गई चिजों को लगाने के लिए जगह दी रहती है| सभी चोक, स्टार्टर होल्डर को पट्टी में लगाकर ट्यूबलाइट दोनों होल्डर में फसा दी जाती है। अब कनेक्शन करके स्विच के द्वारा ट्यूबलाइट जला सकते हैं।

क्या ट्यूबलाइट एलईडी हैं?

आज के समय में एलईडी (LED) ट्यूब लाइट और बल्ब का इस्तमाल ही हो रहा है। क्योंकी पहले एक ट्यूब लाइट 40 वाट की बिजली खर्च करती थी। लेकिन वर्तमन में एक एलईडी ट्यूब लाइट केवल 18 वाट के खर्च में ज्यादा रोशनी देती है।

क्या ट्यूबलाइट हानिकारक है?

Electric bulb parts

ट्यूबलाइट पहले भी हानिकारक नहीं थी और आज भी नहीं है। बल्ब (bulbs) में पहले फिलामेंट (filament) जलने से रोशनी होती थी जिससे गर्मी उत्पन्न होती थी लेकिन ट्यूबलाइट में ऐसी कोई बात नहीं है।

ट्यूबलाइट बल्ब से ज्यादा सुखदायक और ठंडी रोशनी प्रदान करती है जो की आंखों के लिए भी ठीक रहती है।

Which light is best for eyes? | आँखों के लिए कौनसी लाइट बेस्ट होती है?

अगर आपका लैपटॉप या कंप्यूटर पर काफ़ी काम होता है तो उसकी नीली बत्ती से बचना एक अच्छा ऊपर है आपकी आँखों को तनाव से बचाने के लिए।

वर्ना टाइम के साथ आपको आंखें मैं दर्द और सुखापन महसूस होने लगेगा।

Blue Tube Light:

ब्लू ट्यूब लाइट एक प्रकार की फ्लोरोसेंट लाइट है जो नीले रंग की चमक उत्सर्जित करती है और इसीलिए इसे ब्लू ट्यूब लाइट कहा जाता है।

नीली ट्यूब लाइट का उपयोग आम तौर पर इनडोर प्रकाश अनुप्रयोगों जैसे कार्यालयों, स्कूलों, खुदरा दुकानों आदि में उज्ज्वल और स्पष्ट रोशनी प्रदान करने के लिए किया जाता है।

नीली ट्यूब लाइट “कूल व्हाइट ट्यूब लाइट्स” की श्रेणी में आती है। ठंडी सफेद ट्यूब लाइटें हल्के नीले रंग के साथ चमकदार सफेद रोशनी उत्सर्जित करती हैं, जो प्राकृतिक दिन के उजाले के रंग के समान है।

यह भी ध्यान रखें कि नीली ट्यूब लाइटें ऊर्जा-कुशल होती हैं क्योंकि वे एलईडी (लाइट एमिटिंग डायोड) तकनीक का उपयोग करती हैं। पारंपरिक प्रकाश स्रोतों की तुलना में एलईडी लाइटें अपनी उच्च ऊर्जा दक्षता के लिए जानी जाती हैं।

अंतिम शब्द:

मुझे आशा है कि आपको यह लेख “ट्यूब-लाइट (Tube-light) कैसे काम करती है ?” पसंद आया हो, यदि आपको अभी भी कोई संदेह है, तो कृपया बेझिझक हमें comments में बताएं और यदि आपको लेख पसंद आया है तो कृपया हमें बताएं कि आप और किस बारे में पढ़ना चाहते हैं|

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