डेटा एक्सप्लोरेशन कैसे करते हैं? | Data exploration kaise karte hain (in hindi)?

डेटा एक्सप्लोरेशन कैसे करते हैं? | Data exploration kaise karte hain (in hindi)? – डेटा परिचय | Data Familiarization, डेटा सफाई | Data Cleaning, वर्णनात्मक आँकड़े | Descriptive Statistics, डेटा विज़ुअलाइज़ेशन | Data Visualization, अन्वेषणात्मक डेटा विश्लेषण | Exploratory Data Analysis (EDA), Dimensionality Reduction, परिकल्पना परीक्षण | Hypothesis Testing, इंटरएक्टिव अन्वेषण | Interactive Exploration, पुनरावृति कार्य | Iterative Process, आउटलेयर को पहचानने के क्या फ़ायदे हैं?, डेटा विज़ुअलाइज़ेशन के फ़ायदे?|

डेटा अन्वेषण, एक डेटा विश्लेषण का महत्वपूर्ण पहलू है। इसे डेटा को विज़ुअल एनालिसिस किया जाता है और डेटा में हिडन पैटर्न और रिश्तों को डिस्कवर किया जाता है। यहां कुछ बेसिक स्टेप्स बताएं गए हैं जिन में आप डेटा एक्सप्लोरेशन के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं|

डेटा एक्सप्लोरेशन पैटर्न, रिश्ते और अंतर्दृष्टि खोजने के लिए डेटा की जांच और विश्लेषण करने की प्रक्रिया है। इसमें इसकी संरचना, चर और वितरण को समझने के लिए डेटासेट पर प्रारंभिक जांच करना शामिल है। डेटा एक्सप्लोरेशन डेटा की गहरी समझ हासिल करने में मदद करता है और आगे के विश्लेषण और निर्णय लेने का मार्गदर्शन कर सकता है।

डेटा एक्सप्लोरेशन में शामिल कुछ सामान्य तकनीकें और चरण यहां दिए गए हैं:

a. डेटा परिचय | Data Familiarization:

डेटा परिचय में डेटा का लिप्यंतरण करना, प्रारंभिक विचारों को पढ़ना और नोट करना शामिल है।

डेटासेट के प्रलेखन की समीक्षा करके, चरों, उनके प्रकारों और किसी भी उपलब्ध मेटाडेटा को समझकर डेटासेट से परिचित हों।

काम करने से पहले डेटा को समझने की कौन सा कॉलम क्या रिप्रेजेंट करता है, कैसे अपडेट होता है, कब अपडेट होता है, डेटा क्या रिप्रेजेंट करता है यानी ये मार्केटिंग का डेटा है सेल्स का डेटा है या किसी और टाइप का डेटा है आदि .

तारीख के लिए कौन सा कॉलम रेफर करना है, सेल्स की वैल्यू कौन से कॉलम में है, नाम किस कॉलम में है उसका टाइप क्या है न्यूमेरिकल, टेक्स्ट, इंटीजर या कुछ और।

ये पूरा डेटा परिचय भाग सुनिश्चित करता है कि आगे आपका काम आसान हो जाएगा।

b. डेटा सफाई | Data Cleaning:

लापता मान, आउटलेयर और विसंगतियों को प्रबंधित करके डेटा को साफ़ करें। इसमें हटाने या डेटा बिंदुओं के परिवर्तन जैसी तकनीकें शामिल हो सकती हैं।

अगर मिसिंग वैल्यू नहीं हटाएंगे तो आपका फाइनल रिजल्ट इफेक्ट हो जाएगा, इसी तरह के आउटलेयर्स जो ऐसी वैल्यू होती हैं जो कि या तो बहुत बड़ी हैं या बहुत छोटी तो फाइनल रिजल्ट्स को वो भी इफेक्ट करेंगी इसलिए इन वैल्यूज को हटाना बहुत ही जरूरी है।

डेटा क्लीनिंग में आला दिए हुए प्रकारों के डेटा पॉइंट को हटाया जाता है जैसे:

  • गलत या दूषित डेटा,
  • गलत स्वरूपित डेटा,
  • डुप्लिकेट डेटा,
  • अधूरा डेटा आदि।

जब मल्टीपल डेटासेट को मर्ज किया जाता है तो ऐसी समस्याएं अक्सर आती हैं और उन्हें हटाना बहुत ही जरूरी है।

c. वर्णनात्मक आँकड़े | Descriptive Statistics:

डेटासेट की विशेषताओं की प्रारंभिक समझ हासिल करने के लिए माध्य, माध्यिका, मोड, मानक विचलन और सीमा जैसे बुनियादी वर्णनात्मक आंकड़ों की गणना और जांच करें।

एक सही निर्णय लेने के लिए विवरण विश्लेषण करना बहुत जरूरी है। सिर्फ mean देखना या मोड देखना पूरी पिक्चर नहीं शो करता है, सारे तरीके से वैल्यू देख के डिसिजन लेना ये सुनिश्चित करता है कि आपका फाइनल डिसीजन अच्छा होगा और एरर के चांस कम होंगे।

where,

Mean संख्याओं का औसत है अर्थात डेटासेट [5, 8, 12, 14] के लिए यह (5+8+12+14)/4 = 9.75 होगा।

Median डेटासेट का मध्य मूल्य है जब इसे आरोही या अवरोही क्रम में क्रमबद्ध किया जाता है यानी डेटासेट [5, 8, 22, 14, 2] के लिए यह 8 – मध्य मूल्य होगा जब डेटासेट को आरोही क्रम में क्रमबद्ध किया जाता है [2, 5, 8 , 14, 22]।

Mode वह मान है जो डेटासेट में सबसे अधिक बार दिखाई देता है यानी डेटासेट [5, 8, 12, 12, 7, 6] के लिए यह 12 होगा।

d. डेटा विज़ुअलाइज़ेशन | Data Visualization:

प्लॉट, चार्ट और ग्राफ़ के माध्यम से डेटा का दृश्य प्रतिनिधित्व बनाएँ। यह चरों के बीच पैटर्न, प्रवृत्तियों और संबंधों की पहचान करने में मदद करता है। सामान्य विज़ुअलाइज़ेशन तकनीकों में हिस्टोग्राम, स्कैटर प्लॉट, बार चार्ट और हीटमैप शामिल हैं।

अलग-अलग चार्ट के अलग इस्तेमाल होते हैं जैसे की:

  • तुलना करने के लिए बार चार्ट यदि आपके पास सामान्य पैमाने पर तुलना करने के लिए कई आइटम हैं जैसे आप विभिन्न वस्तुओं की बिक्री की तुलना करना चाहते हैं,
  • लाइन चार्ट यह देखने के लिए कि क्या समय के साथ कुछ बढ़ा या घटा है,
  • हीटमैप यह समझने के लिए कि कौन से क्षेत्र उच्च घनत्व वाले हैं, जनसंख्या से संबंधित हैं जो कम हैं आदि।

डेटा विज़ुअलाइज़ेशन जटिल डेटा संबंधों और डेटा-संचालित अंतर्दृष्टि को इस तरह से संप्रेषित करता है जिसे समझना आसान हो।

e. अन्वेषणात्मक डेटा विश्लेषण | Exploratory Data Analysis (EDA):

सहसंबंध विश्लेषण, क्रॉस-सारणीकरण, या पिवट टेबल का उपयोग करके चर के बीच संबंधों की खोज करके गहन विश्लेषण करें। अंतर्दृष्टि प्रदान करने वाले किसी भी महत्वपूर्ण संघों या प्रवृत्तियों की पहचान करें।

डेटा परिवारीकरण के बाद डेटा को अच्छे से समझ लें कि कौन से वेरिएबल से क्या प्रभाव पड़ता है, टाइम के साथ कौन से वेरिएबल में कितना बदलाव आया है आदि। अगर आप किसी वैल्यू को बढ़ाएंगे या घटाएंगे तो उससे क्या फर्क पड़ेगा आदि।

इसके लिए आप पिवट टेबल बना सकते हैं और डेटा को अलग-अलग तरह की टेबल बनाकर विश्लेषण कर सकते हैं।

इसका मुख्य उद्देश्य डेटा को समझना, उससे महत्वपूर्ण जानकारी निकालना और फिर उसे संक्षेप में बताना है।

f. Dimensionality Reduction:

यदि उच्च-आयामी डेटा के साथ काम कर रहे हैं, तो निम्न-आयामी अंतरिक्ष में डेटा को देखने और समझने के लिए प्रमुख घटक विश्लेषण (पीसीए) या टी-एसएनई जैसी आयामी कमी तकनीकों को लागू करने पर विचार करें।

जरूरी नहीं है कि सारे वेरिएबल ही आपकी फाइनल आउटपुट पे इम्पैक्ट डालें, बहुत सारे ऐसे वेरिएबल भी होते हैं जो कि काम के नहीं होते और उनके एनालिसिस के पहले अलग करना बहुत ही जरूरी है आपका टाइम उनके एनालिसिस में ज़या हो जाएगा या तो आपका फाइनल रिजल्ट सही नहीं आएगा।

g. परिकल्पना परीक्षण | Hypothesis Testing:

मान्यताओं को मान्य करने या निष्कर्ष निकालने के लिए डेटा के बारे में परिकल्पना तैयार करना और उसका परीक्षण करना। इसमें चरों के बीच संबंधों या अंतरों को सत्यापित करने के लिए सांख्यिकीय परीक्षण या महत्व परीक्षण करना शामिल हो सकता है।

Hypothesis testing में परीक्षण के लिए एक विशेष पैरामीटर के बारे में धारणाएं रखी जाती हैं।

कुछ ऐसे सवालों को चेक करना जो आपके दिमाग में है डेटा एनालिसिस का एक हिस्सा है और उन्हें हम परिकल्पना कहते हैं यानी ऐसी कोई जानकारी जो आपको लगती है सही होगी और आप डेटा की मदद से कंफर्म करने की कोशिश करते हैं।

h. इंटरएक्टिव अन्वेषण | Interactive Exploration:

डेटा को गतिशील रूप से एक्सप्लोर करने और विशिष्ट सबसेट या रुचि के सेगमेंट में ड्रिल डाउन करने के लिए इंटरैक्टिव टूल या डैशबोर्ड का उपयोग करें।

अंतिम परिणाम को दोहराते रहना चाहिए ताकि कोई और दिलचस्प जानकारी मिल सके।

डेटा एक्सप्लोरेशन अक्सर एक पुनरावृत्त प्रक्रिया होती है, जहां प्रारंभिक निष्कर्ष और अंतर्दृष्टि आगे की खोज और विश्लेषण तकनीकों के शोधन की ओर ले जाती है।

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FAQs:

Q1. आउटलेयर को पहचानने के क्या फ़ायदे हैं?

Ans. आउटलेयर को पहचानने से डेटा की विसंगतियों और त्रुटियों का पता लग जाता है। आउटलेर्स को डिटेक्ट करके, आप डेटा के रिलेशनशिप और ट्रेंड्स को सही से आइडेंटिफाई कर सकते हैं।

Q2. डेटा विज़ुअलाइज़ेशन के फ़ायदे?

Ans. डेटा की बेहतर समझ, पैटर्न और प्रवृत्तियों की पहचान करने की क्षमता, संवर्धित संचार और सहयोग, निर्णय लेने की सुविधा, विश्लेषण और संचार आदि में दक्षता में वृद्धि।

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